भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरी आँखें / ओरहान वेली

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ओरहान वेली  » मेरी आँखें

कहाँ हैं मेरी आँखें
कहाँ हैं ?

शैतान उन्हें अपने साथ ले गया
पर बेच नहीं पाया वह उन्हें
इसलिए उसने उन्हें वापिस लौटा दिया

ओह!
कहाँ हैं मेरी आँखें
कहाँ हैं ?

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय