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बातों बातों म्रें आज / अनिल जनविजय
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अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:52, 8 फ़रवरी 2011 का अवतरण
बातों बातों में आज हम किस मुकाम पर आ गए
देखो, राम जी कैसे एक पूरी कौम पर छा गए ।
इन्सान कुशी का सिलसिला हिन्द में जो शुरू हुआ
देख उसे चंगेज़ खाँ, हिटलर, मुसोलिनी शरमा गए ।
नस्ली दरिन्दे और शैतान अट्टाहस पर अट्टाहस करें
हैवानों की गिरफ़्त में अब हिन्दुस्तानी भी आ गए ।
(2002)