भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
डोरो / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:50, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण
कोनी छोडै
डोरो
सूई री लार
जठै तांई
नहीं मिलसी
बीं नै
बीं रो परवार !