भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गुण गाहक / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:25, 19 अक्टूबर 2013 का अवतरण
उड उड‘र
काळै कोसां स्यूं
पूगगी
भणकता भंवरा री भीड़
पण कोनी आई
पाड़ोसी कांटै नै
फूल री सौरभ !