भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चोरी का फूल / गगन गिल
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:54, 13 मार्च 2011 का अवतरण
जहाँ उसने सहेजा था
चोरी का फूल
ग्रंथ में वहाँ पर
दाग़ ही दाग़ हैं
1979