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गुलमोहर / अलका सिन्हा

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वृक्ष ने आवेश में भर लिया
पत्तियों को
अपनी बलिष्ठ बाँहों में
बेतरह ।

पत्तियाँ लजाईं,
सकुचाईं
और हो गईं –
गुलमोहर ।