भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आदमी / कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:36, 19 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मिल ज्यासी
घणांई
हिन्दू‘र मुसळमान
बौद्ध‘र किरस्तान
पण सोधणो पड़सी
इण जाड़ी भीड़ रै जंगळ में
निखालिस आदमी !
कोनी छापा‘र तिलक
डाढ़ी‘र चोटी
बीं री पिछाण
कोनी ळाधै बो
मंदिर‘र मसजिद
मठ‘र गिरजाघर में
बो तो है
थारै मांय ही लुक्योड़ो
आसी बारै
बीं खिण
जद तू उतार‘र मुखौटो
देखसी सगळा मिनखां में
बाप‘र भाई
हरेक लुगाई में
बेटी‘र माई !