भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एक भाषा ख़ुशी की / अदोनिस
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:14, 20 दिसम्बर 2017 का अवतरण
आह, नहीं
मैं नहीं चाहता कि मेरी आँखें तैरें
उसकी आँखों के अलावा और किसी जगह
नहीं
नहीं चाहता कि शुद्ध हो जाए मेरा प्रेम और उसकी मिल्कियत
नहीं चाहता कोई सम्बन्ध, कोई कुनबा या पहचान
चाहता हूँ एक भाषा होना ख़ुशी की
एक अक्षर देह के अंग-प्रत्यंग का
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल