भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

खिलगी अधखिली / कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:39, 19 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छोड़‘र
फूल रो आळो
उडगी
सौरम री चिड़कली
देख‘र
ठिठकगी
बिगसती
कनली कळी
हुई भळी
पूगगी तितली
देख‘र भायली नै
खिलगी अधखिली !