फुल‘र
सूळ‘र
मूळ में
बवै
रूंख रो
बो ही सागी रस
फेर किंया हुई
रचणा री किरीया
न्यारी न्यारी
- * - * -
आ मिनख री
भेद बुध
जकी कोनी देख सकै
विन्यां करयां टुकड़ा
आखी साच रो
उणियारो ?
फुल‘र
सूळ‘र
मूळ में
बवै
रूंख रो
बो ही सागी रस
फेर किंया हुई
रचणा री किरीया
न्यारी न्यारी
- * - * -
आ मिनख री
भेद बुध
जकी कोनी देख सकै
विन्यां करयां टुकड़ा
आखी साच रो
उणियारो ?