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लड़की और दोस्त / स्वप्निल श्रीवास्तव
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पिछले दस वर्षों से दोस्त के लिए
इन्तज़ार कर रही है लड़की
लड़की जो दोस्त की नींद में बुनती है सपने
दोस्त उन सपनों को तहाकर रख लेता है अपनी
याददाश्त में और दिन भर मुस्कराता रहता है
लड़की नित्य दोस्त के लिए भेजती है सपने
सपनों के साथ अपनी मादक मुस्कानें
अपना चिर-परिचित प्यार
दोस्त की जेब टटोली जाए
तो ज़रूर मिलेगी पैन की तरह मौज़ूद लड़की
पिछले दस वर्षों से दोस्त बन गया है पहाड़
और लड़की एक शीतल जल-प्रपात
लोग कितने अबोध हैं
नित्य आसमान की तरफ़ उठते हुए
पहाड़ को नहीं देख पा रहे हैं
और लड़की उसी पहाड़ पर
आग की तरह जल रही है
पहाड़ को बनाते हुए जीवन्त