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मेहंदी का अर्थ / अर्जुनदेव चारण

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मेहंदी का अर्थ
रंग नहीं
रचना होता है मां

ये कोरी
हथेलियों के पुष्प
किस पूजा में
चढ़ाऊं
कि देवता की सांस
भर दे
उसमें सौरभ।

अनुवाद :- कुन्दन माली