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हाइकु-2 / भावना कुँअर

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13
नाचती-गाती
झूमती शाखाओं पे
खिला यौवन।
14
खेत है वधू
सरसों हैं गहने
स्वर्ण के जैसे ।
15
चिड़ियॉं गातीं
घंटियॉं मन्दिर की
गीत सुनातीं।
16
चाँदनी रात
जुगनुओं का साथ
हाथ में हाथ।
17
खिड़की पर
है भोर की किरण
नृ़त्यागंना -सी ।
18
लेटी थी धूप
सागर तट पर
प्यास बुझाने ।
19
दुखी हिरणी
 खोजती है अपना
 बिछड़ा छौना।
20
परदेस में
जब होली मनाई।
 तू याद आई।
21
नन्हा -सा बच्चा
मॉं के आँचल में है
लिपटा हुआ ।
22
नन्हें हाथों से
मुझको जब छुआ
जादू -सा हुआ ।
23
रुनझुन -सी
पायल थी खनकी
गोरे पॉंव में।
24
सुबक पड़ी
कैसी थी वो निष्ठुर
विदा की घड़ी।