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इग्यारै / प्रमोद कुमार शर्मा

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सबद
मांडणो ई पड़सी
ओक री ढाळ होठां पर
तिरस
जणा ढूकै मन रै परकोटां पर

उण बगत
सबद ई तिरपत करै
गम नैं गिरफ्त करै
जीव नैं त्राण देवै
मरतोड़ा नैं प्राण देवै
रैमत है बीं री
सगळा छोटां-मोटां पर।