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मेरा भारत / किरण मिश्रा

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तुम एक देश नहीं, भारत !
तुम सृष्टि हो
तुम हिमालय हो
सम्पूर्ण पुरुष हो
या सम्पूर्ण स्त्री के अवतार ।

तुम ब्रह्मविद्या हो
शिव हो
आदिशक्ति हो
तुम नारियों के स्रोत हो
सन्दर्भ हो ।

तुम अज्ञात हो
तुम ओम हो
तुम मौन हो
तुम शून्य हो
इसलिए ही तुम सम्पूर्ण हो ।

हिन्द हमें गर्व है
हम तुम में हैं
और तुम हम में ।