भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वीर हनुमाना अति बलवाना / भजन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वीर हनुमाना अति बलवाना

राम राम रटीयो रे

मेरे मन बसियो रे


न कोई संगी साथ की तंगी

विनती सुनियो रे ... मेरे मन बसियो रे