भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घूमर गीत / राजस्थानी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ

घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ


ओ म्हाने रमता ने काजळ टिकी लादयो ऐ माँ

घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ


ओ म्हाने रमता ने लाडूङो लादयो ऐ माँ

घूमर रमवा म्हें जास्याँ .

ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ .


ओ म्हाने परदेशियाँ मत दीजो रे माँ

घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्याँ


ओ म्हाने राठोडा रे घर भल दीजो ऐ माँ

घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्यां


ओ म्हाने राठोडा री बोली प्यारी लागे ऐ माँ

घूमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घूमर रमवा म्हें जास्यां


ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ

घूमर रमवा म्हें जास्याँ ...