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कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी / पृष्ठ 8
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गुरु साधु नृप के यहांं शुद्ध भेंट ले जाय।
दर्शन करने को प्रिया खाली हाथ न जाय॥
प्रफुलित