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प्रखर मालवीय 'कान्हा'
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जन्म | |
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उपनाम | कान्हा' |
जन्म स्थान | आजमगढ़ |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
प्रखर मालवीय 'कान्हा' / परिचय |
- आग है ख़ूब थोड़ा पानी है / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- बहुत उकता गया जब शायरी से / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- एक डर सा लगा हुआ है मुझे / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- पिछली तारीख़ का अख़बार सम्हाले हुये हैं / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- मैं न सोया रात सारी, तुम कहो / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- कहीं जीने से मैं डरने लगा तो...? / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- अब तलक ये समझ न पाए हम / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- ख़ला को छू के आना चाहता हूँ / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- तीरगी से रौशनी का हो गया / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- सितम देखो कि जो खोटा नहीं है / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझसे / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- मैं भी गुम माज़ी में था / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- वो मिरे सीने से आख़िर आ लगा / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- हरीफ़ों से मिले रहना / प्रखर मालवीय 'कान्हा'
- सागर भी तो क़तरा निकला / प्रखर मालवीय 'कान्हा'