भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सड़क पर / मोहन राणा

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:47, 7 फ़रवरी 2009 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चीखती हुई कुछ बोलती

चिड़ियाँ लगाती बेचैन सूखते आकाश में गोता

यह एक चलता हुआ घर

भागती हुई सड़क पर

यह एक बोलती खामोश दोपहर


14.7.2006