भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राम सेवक / अनवर ईरज

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:05, 4 नवम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यक़ीन जानो
तुम
राम सेवक नहीं थे जब
तो ऐसे नहीं थे
राम सेवा तो नफ़रत
बढ़ाती नहीं
राम सेवा तो हत्या
कराती नहीं
राम सेवा
दरिंदा बनाती नहीं
तेरा
राम सेवक का दावा
बहुत खोखला है

रावण के सैनिक
मुखौटा हटाओ
ज़माने को अपना मकरूह
चेहरा दिखाओ