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मधुऋतु का देय /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
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इस पार
उस पार
एक ही कगार
इस पार
उस पार
आर-पार धार
इस पार
उस पार
धार औ’ कगार
इस पार
उस पार
प्यार, प्यार, प्यार !