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झूटी ख़बरें घड़ने वाले झूटे शे'र सुनाने वाले / हबीब जालिब
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अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:20, 12 अगस्त 2019 का अवतरण
झूटी ख़बरें घड़ने वाले झूटे शे'र सुनाने वाले
लोगो सब्र कि अपने किए की जल्द सज़ा हैं पाने वाले
दर्द आँखों से बहता है और चेहरा सब कुछ कहता है
ये मत लिक्खो वो मत लिक्खो आए बड़े समझाने वाले
ख़ुद काटेंगे अपनी मुश्किल ख़ुद पाएँगे अपनी मंज़िल
राहज़नों से भी बद-तर हैं राह-नुमा कहलाने वाले
उनसे प्यार किया है हमने उनकी राह में हम बैठे हैं
ना-मुम्किन है जिन का मिलना और नहीं जो आने वाले
उनपर भी हँसती थी दुनिया आवाज़ें कसती थी दुनिया
'जालिब' अपनी ही सूरत थे इश्क़ में जाँ से जाने वाले