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फ़र्क / अनातोली परपरा

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नहीं, ऎसी बात नहीं कि मुझे इसमें कोई फ़र्क नहीं पड़ता

कि किस घास पर चलता हूँ मैं

किसे बुलाऊँ स्नेह से--- रानी

और अपने खत्ती-बखार में

कौन अनाज भरता हूँ मैं


नहीं ऎसी बात नहीं कि मुझे इसमें कोई फ़र्क नहीं पड़ता

कि किसे बनाता हूँ मैं मित्र

किसके साथ पीता हूँ जाम

किसके संग सुख-दुख बाँटूँ मैं

और किसके साथ खिचाऊँ चित्र


नहीं ऎसी बात नहीं कि मुझे इसमें कोई फ़र्क नहीं पड़ता

कि लोग मुझे किस नाम से पुकारते हैं

मुझे गर्व है अपने नाम पर

मैं पुत्र हूँ रूसी धरती का

आप भी समझिए इसे, दोस्तों !

सब यह बात जानते हैं