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घर का रास्ता / मंगलेश डबराल
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एक जीवन के लिए
शायद वहाँ थोड़ी सी नमी थी
या हल्का सा कोई रंग
शायद सिरहन या उम्मीद
शायद वहाँ एक आंसू था
या एक चुम्बन
याद रखने के लिए
शायद वहाँ बर्फ़ थी
या छोटा सा एक हाथ
या सिर्फ़ छूने की कोशिश
शायद अंधेरा था
या एक ख़ाली मैदान
या खड़े होने भर की जगह
शायद वहाँ एक आदमी था
अपने ही तरीके से लड़ता हुआ.
१९८६
घर का रास्ता
रचनाकार | मंगलेश डबराल |
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प्रकाशक | राधाकृष्ण प्रकाशन |
वर्ष | १९८७ |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता |
विधा | |
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विविध |
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