Last modified on 1 मार्च 2010, at 08:17

दुश्मन न करे दोस्त ने / इंदीवर

Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:17, 1 मार्च 2010 का अवतरण (हमसे क्या पूछते हो / लेडी डाक्टर का नाम बदलकर दुश्मन न करे दोस्त ने / इंदीवर कर दिया गया है)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है
उम्र भर का ग़म हमें ईनाम दिया है

तूफ़ां में हमको छोड़ के साहिल पे आ गये
नाख़ुदा का हमने जिन्हें नाम दिया है
उम्र भर का ग़म ...

पहले तो होश छीन लिये ज़ुल्म-ओ-सितम से
दीवानगी का फिर हमें इल्ज़ाम दिया है
उम्र भर का ग़म ...

अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँ
ग़ैरों ने आ के फिर भी उसे थाम लिया है
उम्र भर का ग़म ...

बन के रक़ीब बैठे हैं वो जो हबीब थे
यारों ने ख़ूब फ़र्ज़ को अंजाम दिया है
उम्र भर का ग़म ...