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आविष्कार / कुमार सुरेश
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एक छोटी बच्ची को
नहलाकर यूनिफार्म पहनाना
बनाकर विद्यार्थी स्कूल भेजना
आविष्कार है
मेधा के नए पुंज का
किसी शब्द को
अर्थ के नए वस्त्र पहनाना
कविता का रूप देना
आविष्कार है
शब्द के
नए
सामर्थ्य का
जो सब कह रहे हों
क्योंकि कह रहा है
कोई ख़ास एक
से हटकर अलग
वह कहना
जो अंतरात्मा की आवाज़ हो
आविष्कार है
नए सत्य का
इस बात पर
अटूट विश्वास करना
कि सब कुछ कभी ख़त्म नहीं होगा
आविष्कार है
अपने ही नए अस्तित्व का
ये सभी आविष्कार मैं
रोज करना चाहता हूँ