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बुल्ले शाह
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बुल्ले शाह
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जन्म: 1680 ई०
निधन: 1171 हिजरी (1758 ई०)
उपनाम
मीर बहली शाह
जन्म स्थान
पंडोक गाँव, क़सूर, लाहौर(पंजाब), पाकिस्तान
कुछ प्रमुख कृतियाँ
क़ाफ़ियाँ बुल्ले शाह, सीहर्फ़िए, दोहरे, अठवारे, गंढे़
विविध
जीवन परिचय
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क़ाफ़िए
- कुछ पाया है कुछ पाया है / बुल्ले शाह
- बस कर दो, अब बस कर दो / बुल्ले शाह
- तेरे नयनों के दास हुए अब नयन मेरे / बुल्ले शाह
- ओ मित्र! जिस घर में तू घुसता है / बुल्ले शाह
- दिलबर, संभल के नेह लगाना / बुल्ले शाह
- किससे अब तू छिपता है? / बुल्ले शाह
- क्या करता है, वह क्या करता है / बुल्ले शाह
- मेरी बगल में है चोर / बुल्ले शाह
- राँझा जोगी बन आया री! / बुल्ले शाह
- घड़ियाली को दो निकाल, आज पिया घर आया है / बुल्ले शाह
- अब क्या करता वह क्या करता? / बुल्ले शाह
- क्या हुआ मुझे, मैंने अपना अहम गँवाया / बुल्ले शाह
- किससे परदा रखते हो? / बुल्ले शाह
- इश्क़ (प्रेम) तो नित नूतन है / बुल्ले शाह
- बाधा डाले मिट्टी, यार! / बुल्ले शाह
- मुझको पहचानेगा कौन? मैं तो अब कुछ बदल गई / बुल्ले शाह
- प्रभु ने मुरली सहसा बजाई / बुल्ले शाह
- मैंने साजन के भेद हैं पाए / बुल्ले शाह
- ओ लड़की! बेकार न घूम, कुछ तो चरखा कात बैठ के / बुल्ले शाह
- अलिफ़ पढ़ने से ही बस मुक्ति है / बुल्ले शाह
अन्य रचनाएँ