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नाचइ नदिया बीच हिलोर / कन्नौजी

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   ♦   रचनाकार: आत्मप्रकाश शुक्ल

नाचइ नदिया बीच हिलोर
वनमां नचइ बसंती मोर
लागै सोरहों बसंत को
सिंगारु गोरिया।
सूधे परैं न पाँव हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं