भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
साँचा:KKEkMoti
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:12, 25 मई 2010 का अवतरण (Pratishtha (वार्ता) के अवतरण 81044 को पूर्ववत किया)
एक काव्य मोती : निर्वाण षडकम |
निर्विकल्प आकार विहीना, मुक्ति, बंध- बंधन सों हीना |