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मन रसखान हुआ / विजय वाते
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तुझ पे कुर्बान हुआ,
मन रसखान हुआ ।
जाना जब नाम तेरा,
खुद अपना ज्ञान हुआ ।
आकर तीरे लैब पर,
ये गीत अज़ान हुआ ।
उल्लेख तेरा जिसमें,
वो शेर दीवान हुआ ।
तुझको चाहा भर था,
कितना तूफान हुआ ।