भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
द्विरुक्ति / लीलाधर जगूड़ी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:13, 9 जुलाई 2010 का अवतरण ("द्विरुक्ति / लीलाधर जगूड़ी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
अमीरों का मुहावरा ?
-ज़रा इधर जा रहा हूँ
ज़रा उधर जा रहा हूँ
थोड़ा-सा काम है
ग़रीबों का मुहावरा ?
-आराम हराम है ।