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राहत इन्दौरी
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राहत इन्दौरी
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| जन्म | |
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| जीवन परिचय | |
| राहत इन्दौरी / परिचय | |
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- धूप-धूप / राहत इन्दौरी
 - पेहेन के आते हैं / राहत इन्दौरी
 - उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो / राहत इन्दौरी
 - धूप बहुत है मौसम जल-थल भेजो ना/ राहत इन्दौरी
 - पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैं / राहत इन्दौरी
 - कितनी पी कैसे कटी रात / राहत इन्दौरी
 - लोग हर मोड़ पे / राहत इन्दौरी
 - अँधेरे चारों तरफ़ / राहत इन्दौरी
 - अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो / राहत इन्दौरी
 - समन्दरों में मुआफिक हवा चलाता है / राहत इन्दौरी
 - उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब / राहत इन्दौरी
 - सफ़र की हद है वहाँ तक के कुछ निशान रहे / राहत इन्दौरी
 - पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं मिले / राहत इन्दौरी
 - शहर में ढूंड रहा हूँ के सहारा दे दे / राहत इन्दौरी
 - आँख प्यासी है कोई मन्ज़र दे / राहत इन्दौरी
 - मस्जिदों के सहन तक जाना बहुत दुश्वार था / राहत इन्दौरी
 - इन्तेज़मात नये सिरे से सम्भाले जायें / राहत इन्दौरी
 - हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो / राहत इन्दौरी
 - दोस्ती जब किसी से की जाये / राहत इन्दौरी
 - चेहरों की धूप आँखों की गहराई ले गया / राहत इन्दौरी
 - बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए / राहत इन्दौरी
 - दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं / राहत इन्दौरी
 - दिल जलाया तो अंजाम क्या हुआ मेरा / राहत इन्दौरी
 - मेरे कारोबार में सबने बड़ी इम्दाद की / राहत इन्दौरी
 - ये सानेहा तो किसी दिन गुजरने वाला था / राहत इन्दौरी
 - सारी बस्ती कदमों मे है ये भी इक फनकारी है / राहत इन्दौरी
 - शहरों शहरों गाँव का आँगन याद आया / राहत इन्दौरी
 - अपने होने का हम इस तरह पता देते थे / राहत इन्दौरी
 - किसी आहू के लिये दूर तलक मत जाना / राहत इन्दौरी
 - तू शब्दों का दास रे जोगी / राहत इन्दौरी
 - काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने / राहत इन्दौरी
 - झूठी बुलंदियों का धुँआ पार करके आ / राहत इन्दौरी
 - धोखा मुझे दिये पे हुआ आफ़ताब का / राहत इन्दौरी
 
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