भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भाषा का भविष्य / रघुवीर सहाय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:56, 8 मार्च 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भाषा के भविष्य पर भाषण करके उठे शिक्षा के
उपमंत्री

बूढ़ा खड़ा हुआ
कहा, मेरे पेट में बायगोला है साहब दवा करवा दो ।