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बस्ते में चिप / रमेश तैलंग

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बस्ते में चिप लगी हुई है, सबको अता-पता देगी ।
कौन कहाँ क्या गड़बड़ करता है, ये सभी बता
देगी ।

जासूसों की दादी है ये,
वह भी नए ज़माने की,
ख़बर इसे हो जाती है
पल में हर ठौर-ठिकाने की ।
अगर किसी ने ग़लती की तो ये भरपूर सज़ा देगी ।
कौन कहां क्या गड़बड़ करता है, ये सभी बता
देगी ।

छोटी-सी इस चिप का है
कंट्रोल सधू कुछ हाथों में,
इस चिप को न लेना तुम
हँसी-हँसी की बातों में,
ख़तरा होते ही ख़तरे की घंटी कहीं बजा देगी ।
कौन कहाँ क्या गड़बड़ करता है, ये सभी बता
देगी।