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चाचा से / शैलेन्द्र

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न दो अब एटम बम की धमकी चाचा,
                और कोई हथियार निकालो,
कि इसकी धार है खुट्टल ट्रूमन चाचा,
                और कोई तलवार निकालो !

चीन में क्या, दुनिया में उगा है लाल सितारा,
लिए डालर की गड्डी, च्याँग परलोक सिधारा,
कि चिट्ठी लिखो, सोच कर लिख दो चाचा,
ढूँढ़ के बर्ख़ुरदार निकालो,
                एक नया गद्दार निकालो !

जंग की बात न छेड़ो, लोग बेहद बिगड़ेंगे,
समय के सौ-सौ तूफ़ाँ, न जाने क्या कर देंगे !
सोवियत मज़दूरों का, लोग उनसे न लड़ेंगे,
ये बिजनेस खोटा, इसमें टोटा लाला,
और कोई व्यापार निकालो,
                दूजा कारोबार निकालो !

1949 में रचित