भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बगुली ने वार किया / केदारनाथ अग्रवाल

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:29, 1 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


बगुली ने वार किया
पंजे से
चोंच से
प्रहार किया
मछली को
मार लिया
घुटक गई
पेट में उतार लिया
सागर ने
रोष किया,
दोष दिया
बगुली को;
मछली का
शोक किया;
बाड़व को बढ़ने से रोक दिया।

रचनाकाल: २९-११-१९६७