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जाना है / अरुण कमल

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रचनाकारः अरुण कमल

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पहले भी देखा था यह फल

सूँघा था

चखा था बहुत बार

बचपन से ही


पर आज पहली बार जब देखा है

डाल पर पकते इस फल को

तभी जाना है असली रंग-स्वाद-गंध

इस छोटे-से फल के

धरती-आकाश तक फैले सम्बन्ध ।