भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वर्षा राग-1 / उदय प्रकाश

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:15, 28 सितम्बर 2009 का अवतरण ("वर्षा राग-1 / उदय प्रकाश" सुरक्षित कर दिया [edit=sysop:move=sysop])

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बरसे मेघ भरी दोपहर, क्षण भर बूंदें आईं
उमस मिटी धरती की साँसे भीतर तक ठंडाईं
आँखें खोलें बीज उमग कर गगन निहारें
क्या बद्दल तक जा पाएंगे पात हमारे?