भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वर्षा / मदन डागा

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:20, 10 जुलाई 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मदन डागा |संग्रह=यह कैसा मजाक है / मदन डागा }} वर्षा के म...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


वर्षा के मिस

साफ़ करने

सड़क की स्लेट ।

छींटे जब डाले

मौसम ने ।

गायब हुए

स्लेट से--

अ से अमीर

ध से धनी

म से महाजन

लेकिन

ग से गरीब

म से मज़दूर

अभी भी अंकित हैं

वर्षा से

आतंकित हैं