भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इस बस्ती के लोग / सुरेश यादव
Kavita Kosh से
डा० जगदीश व्योम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:40, 19 जुलाई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेश यादव }} {{KKCatKavita}} <poem> बचपन में पढ़ी और सुनी थी …)
बचपन में
पढ़ी और सुनी थी
प्यासे कौवे की कहानी
जिसने