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स्‍त्री पूजन / माया मृग

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आंखों में सपने मत पालो
हाथों में उम्‍मीद मत थामो
पैरों से मंजिल का रास्‍ता मत नापो
दिल से महसूस मत करो
जुबान से सवाल मत करो
होठों पर हंसी ना आने पाये
देह में कामना न रहे
दिमाग में मुक्ति का विचार ना हो


तुम खुश रहो स्‍त्री ----

यत्र नार्यस्‍तु पूज्‍यते-------