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सदस्य वार्ता:महावीर जोशी पूलासर

Kavita Kosh से
महावीर जोशी पूलासर (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:32, 19 अक्टूबर 2011 का अवतरण ("सर्वो देवोमई गौ माता" (रचना : महावीर जोशी, पूलासर -सरदारशहर): नया विभाग)

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मोरियो पगा कानी देख गे रोवै

क्यु जी सोरो करै,

दुसरा गै घर री बाता सुण गै,

जकी बी घर मॆ हॊवण लागरी है

बा ही तॊ तॆरॆ घर मॆ हॊवॆ,

तु भीत रै चिप्यॊडॊ इनै,

बॊ ही तॊ बिनॆ चिप्यॊडॊ खड्यॊ है,

क्यु नी सॊचै तु कै ..भीता कै भी कान हॊवॆ,

आज तु सुणसी

काल बॊ तॆरी सुणसी,

क्यु सरमा मरै,

मॊरीयॊ पगा कानी दॆख गॆ रॊवै ,

ये केसा संसार है

यॆ कॆसा ससार है,

गरीब यहा लाचार है,

कुछ लॊगॊ कॆ पास है हीरॆ,

कुछ रॊटी बिन बिमार है,

कहतॆ धरती मा सबकी फिर भॆद क्यु बॆसुमार है,

ममता तॆरी तु है मा फिर माता क्यु लाचार है,

सुनॆ पडॆ है महल यहा फुटपाथॊ पर भरमार है,

कुछ बन गयॆ ताज यहा,

कुछ दानॆ कॊ मॊहताज है,

खुस यहा है पैसॆ सॆ सब,

भुखॊ सॆ नाराज है,

यॆ कॆसा ससार है,

गरीब यहा लाचार है

रचना... महावीर जोशी पूलासर

"सर्वो देवोमई गौ माता" (रचना : महावीर जोशी, पूलासर -सरदारशहर)

जिनके प्रष्ठदेश में ब्रह्मा , मुख में रूद्र निवाश है, रोम रोम में ईश्वर तन में सब तीर्थो का वास है, जिनकी रक्षा के खातिर विष्णु ने गोकुल में अवतार लिया, नंगे पैरो चल कर प्रभु ने गौ पालन स्वीकार किया,

                	  जिनके नाम से अपने धर्म की है विश्व में ऊँची गाथा,
                  	  श्रद्धा से हम नमन करे, है "सर्वो  देवोमई गौ माता"

वृन्दावन में श्री कृष्ण ने गौ माता का सन्मान किया, ब्रह्मस्वरूपा गौ माता को माँ कपिला का नाम दिया,

                        सब देवो की देवी माँ और सब की है गौ माँ दाता,
    		 शीश झुका कर नमन करे, है "सर्वो  देवोमई गौ माता"

समुद्र मंथन में विष्णु ने गौ माता का सत्कार किया, सब देवो की गौ माता को माँ सुरभि का नाम दिया,

                   सुर  मानव सौभाग्याविधयिनी सत्य सनातन धर्म की माता 
                    मोक्ष दायिनी मंगल कारिणी "सर्वो देवोमई गौ माता"

सतयुग त्रेता द्वापर युग में सब नर देवो ने सन्मान किया कलयुग में कुछ असुरो ने गौ माता का अपमान किया,

                       धर्मनीति और राजनीती में पिस रही है गौ माता,
                  अखिल विश्व की प्रतिपालिनी, है "सर्वो देवोमई गौ माता"

आओ हम सब साथ में मिलकर गौ हत्या बंद आह्वान करे, विश्व के इन अशुरो का हम सब जन्मो में परीत्याग त्याग करे,

                       भव तारिणी दुःख हारिणी मंगल कारिणी है देवी माता
                        नित्य प्रेम से शीश झुकाएँ, है  "सर्वो देवोमई गौ माता"

गाँव गाँव और शहर शहर में गौ शाला निर्माण करे, अपने हिस्से की रोटी से कुछ गौ माता को दान करे,

                      सत्य सनातन धर्म की जननी है सकल विश्व की माता ,
                      तन मन धन से रक्षा  करे हम, है "सर्वो देवोमई गौ माता"


रचना : महावीर जोशी, पूलासर (सरदारशहर)