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हाइकु / सुधा गुप्ता
Kavita Kosh से
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1 जोगी वे पत्ते पेड़ों के घर छोड़ निकल पड़े । 2 प्यार से सेया पंख आते ही उड़े खाली है नीड़ । 3 जपा कुसुम खिले , दहके , झरे तुम न फिरे । 4 कुनमुनाया बादल के कन्धे पे उनींदा चाँद । 5 वर्षा रानी का सतरंगी दुपट्टा नभ अटका ।