भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

विस्वास / शिवराज भारतीय

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:19, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवराज भारतीय |संग्रह=उजास रा सुपना / शिवराज भा…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


म्हनै ठा है
विस्वास
आजकलै
गळौ मोसै
विस्वास रो
हाथ नै खावै
हाथ
पण फेर भी
सगळां माथै
अविस्वास सूं
सावळ लागै
हाथ सूं
हाथ रो भख
हाथ रै भख सूं
बणूंला
फकत अपंग
पण विस्वास रै भख सूं
स्यात्
आत्मा इज हुज्यैली
अरधंग।