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झूठ साच / कन्हैया लाल सेठिया

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खुलै
सुंवैं चौपड़ै
झूठ रै मै‘ल री
पोळ
बड़ज्या
दड़ाछंट
होदै समेत हाथी
ऊभी
गांव रै गौरवैं
इकलखोरड़ी साच री झूंपड़ी
बड़ सकै मांय
नवा‘र माथो
कोई चेतना रो धणी !