मैं हँसा, उन्होंने मुझे रुला दिया मैंने किया प्रेम, उन्होंने छल आलिंगन किया मैंने उन्होंने बिसार दिया मित्र, बंधु, सारे निकटस्थ जन जिएँ, मिले उन सबको लम्बी उम्र कवि बना दिया मुझे जबरन.....!