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साडा चिड़ियाँ दा चंबा वे / पंजाबी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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साडा चिड़ियाँ दा चंबा वे ,
बाबल असां उड़ जाणा ,
साडी लम्मी उडारी वे ,
बाबल केहड़े देस जाणा .
तेरे महिलां दे विच विच वे ,
बाबल चरखा कौन कत्ते ?
मेरियां कत्तन पोतरियाँ,
धिए घर जा अपणे.
तेरे महिलां दे विच विच वे ,
बाबल गुडियां कौण खेडे?
मेरियां खेडण पोतरियाँ ,
धिए घर जा अपणे .
मेरा छुट्या कसीदा वे,
बाबल दस कौन कडे?
मेरियां कडन पोतरियाँ ,
धिए घर जा अपणे.
तेरे बागां दे विच विच वे ,
बाबल डोला नहीं लंघदा.
इक टहनी पुट देवाँ,
धिए घर जा अपणे
तेरियां भिडीयाँ गलियाँ‘च वे ,
बाबल डोला नहीं लंघदा .
इक इट पुटा देवाँ ,
धिए घर जा अपणे .