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बारिश / परवीन शाकिर

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रचनाकार: परवीन शाकिर

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बारिश में क्या तन्हा भीगना लड़की !

उसे बुला जिसकी चाहत में

तेरा तन-मन भीगा है

प्यार की बारिश से बढ़कर क्या बारिश होगी !

और जब इस बारिश के बाद

हिज्र की पहली धूप खिलेगी

तुझ पर रंग के इस्म खुलेंगे ।