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मरने से क्या डरना / काका हाथरसी
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नियम प्रकृति का अटल, मिटे न भाग्य लकीर ।
आया है सो जाएगा राजा रंक फ़कीर ॥
राजा रंक फ़कीर चलाओ जीवन नैय्या ।
मरना तो निश्चित है फिर क्या डरना भैय्या ॥
रोओ पीटो, किंतु मौत को रहम न आए ।
नहीं जाय, यमदूत ज़बरदस्ती ले जाए ॥
जो सच्चा इंसान है उसे देखिये आप |
मरते दम तक वह कभी करे न पश्चाताप ||
करे न पश्चाताप, ग़रीबी सहन करेगा |
लेकिन अपने सत्यधर्म से नहीं हटेगा ||
अंत समय में ऐसा संत मोक्ष पद पाए |
सत्यम शिवम सुन्दरम में वह लय हो जाए ||
जीवन में और मौत में पल भर का है फ़र्क |
हार गए सब ज्योतिषी फेल हो गए तर्क ||
फेल हो गए तर्क, उम्र लम्बी बतलाई |
हार्ट फेल हो गया दवा कुछ काम न आई ||
जीवन और मौत में इतना फ़र्क जानिए |
साँस चले जीवन, रुक जाए मौत मानिए ||